गम भूल जाने की एक ही दवा है चाय जिसे लेकर करीब लाते हो। गम भूल जाने की एक ही दवा है चाय जिसे लेकर करीब लाते हो।
चाय और तुम...... दोनों ही आजकल आदत बन गए हो मेरी चाय और तुम...... दोनों ही आजकल आदत बन गए हो मेरी
हाँ वो बंद खिड़की की वो दरार आज भी याद दिलाती है मुझे अपने बीते लम्हों की दास्तां हाँ वो बंद खिड़की की वो दरार आज भी याद दिलाती है मुझे अपने बीते लम्हों की दा...
लफ्ज़ न कहते जो बात, नज़रों से दिल में उतरते। कुछ तुम कहते ,कुछ मैं सुनता, कुछ मैं क लफ्ज़ न कहते जो बात, नज़रों से दिल में उतरते। कुछ तुम कहते ,कुछ मैं सुनता,...
तुम्हारी बेरुखियों से , रिश्ता कुछ खास हो गया है l तुम्हारी बेरुखियों से , रिश्ता कुछ खास हो गया है l
बेताब मन होठों पे शरारती हुजूम कुछ जाहिर नहीं शब्दों में। बेताब मन होठों पे शरारती हुजूम कुछ जाहिर नहीं शब्दों में।